Saturday, December 5, 2015

जीवन

"प्रभु, मैं इस जीवन से थक गया हूँ !

अच्छा, यदि तुम सोने के इरादे से यहाँ आये हो … तो जाओ, चले जाओ यहाँ से … मेरे पास ऐंसी कोई भी कहानी नहीं है जिसे सुनकर तुम्हें नींद आ जाए ...

पर हाँ, मेरे पास ऐंसे अनुभव जरुर हैं, जो तुम्हारी नींद उड़ा सकते हैं, किसी सोये हुए को जगा सकते हैं ... गर जागना चाहो, थकान मिटाना चाहो ... तो आओ, मेरे पास बैठ जाओ …

अब जब तुम बैठ ही गए हो तो,… शांत व सच्चे मन से मेरे एक प्रश्न का उत्तर दो - तुम्हारा कौन-सा निजी स्वार्थ तुम्हें मेरी ओर खींच कर लाया है ???"

~ आचार्य उदय

आभार नवप्रदेश ...


चैन-बेचैन

"प्रभु, कोई कहानी सुनाओ आज मन बेचैन है ... अच्छा, ... क्या बात है, ... बहुत खूब, ... तो सुनो …

एक व्यक्ति बड़े गुस्से में तन-तनाते हुए जा रहा था … मैंने पूँछा - क्यों मियाँ कहाँ जा रहे हो ? … इस दुनिया में कहीं चैन नहीं है इसलिये मरने जा रहा हूँ …

वाह, अतिसुन्दर, क्या ख्याल हैं, ... अच्छा तो जाते जाते एक बात बताते जाओ … पूंछो, मुझे बहुत जल्दी है …
जल्दी, बहुत खूब … अगर मर कर भी चैन न मिला तो किधर जाओगे ?"

~ आचार्य उदय

शिव-शक्ति

"शिव है तो शक्ति है, शक्ति है तो शिव है … यदि कोई एक नहीं है तो दूसरा भी नहीं है, … दोनों का अस्तित्व एक दूसरे के साथ है, एक दूसरे के लिये है, … स्त्री-पुरुष भी उन्हीं के अंश हैं, रूप हैं, … इनकी कल्पना भी पृथक पृथक निरर्थक है ! "

~ आचार्य उदय

आभार नवप्रदेश ...


नीयत

"बुरी नीयत से कार्य करने वाले … कभी भी रहम के पात्र नहीं होते … उन्हें बड़ी बेरहमी से दंड मिलना चाहिए !"

~ आचार्य उदय

दोस्ती

दिल मिलें न मिलें, मिजाज मिलने चाहिए
दोस्ती का, अब… यही फलसफा है 'उदय' ?